विकास के मरने के बाद खुलने लगे है राज, गांव के लोग भी रहते थे भयभीत

विकास दुबे एनकाउंटर में मारे गए लेकिन उनसे जुड़े मामले की जांच करने पहुंची एसआईटी के सामने हिस्ट्रीशीटरआतंक की कहानी खुलकर सामने आई। विकास के डर के साए में जी रहे लोगों को सुरक्षा का भरोसा देते हुए उन्होंने अपने दर्द को बयान किया। जो लोग कभी कुछ नहीं बोलते थे और अपना रास्ता बदल कर निकल जाते थे उन्होंने अपनी पीड़ा समक्ष रखी। किसी ने अपनी जमीन पर कब्जे की स्थिति तो किसी ने थाने में पीटने की जानकारी।

विकास और उसके साथी नहीं दिए थे इसलिए लोगों ने एसआईटी टीम के सामने खुलकर चर्चा की।

एक शख्स ने बताया कि विकास अपनी ही सरलार चलाता था। गांव में यदि किसी का किसी से विवाद में होता तो अपने साथी को भेजता और घर पर बुलवा लिया करता था और अपने लोगों से पिटवाता था।

भावुक हुआ दलित परिवार

जांच दल की तरफ देखकर एक परिवार भावुक हो गया। उन्होंने बताया कि गांव में उनकी जनरल मर्चेंट की दुकान है इसीसे पूरे परिवार का गुजारा चलता है। विकास की दहशत के चलते त्योहारों पर नए कपड़े बेचने से भी बचते थे। पिछले 20 साल से पूरा परिवार उसकी दहशत में जी रहा था। ऐसा लग रहा है कि उन्हें आजादी मिल गई है।

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