दोस्तों, आपने कईयो कहानियां सुनी होंगी, जिसमे ईमानदारी के अनेकों किस्से आपको पढ़ने/सुनने को मिलते है, लेकिन जब असल जिंदगी की बात आये तो सब यही सोचते है कि यार, यह सब बातें तो कहानियों में ही होती है, ऐसा असल मे कोई नही होता। क्यों यही सोचते होंगे न?
लेकिन ऐसा नही है, ईमानदारी अब भी जिंदा है।
आज मैं ईमानदारी पर कोई प्राचीन कहानी/कथा वगरैह नही लिख रहा, बल्कि आपको एक सच्ची घटना के बारे में बताने वाला हूँ।
बिक्रम साहा जोकि Bhim App के इस्तेमाल से अपने अन्य खाते में 9700 रुपये ट्रांसफर कर रहे थे,अक्षर की एक छोटी-सी गलती की वजह से उन्होंने अपने सारे पैसे किसी और के खाते में डाल दिये। गलती सिर्फ इतनी थी उन्होंने अपने जिस खाते में डालने थे उसके एड्रेस में 1 आता है और इन्होंने जिसमे डाले उधर 2 भर दिया। छोटी सी गलती की वजह से 9700 रुपये गए । उन्हें अब पैसे वापिस मिलने का कोई रास्ता न दिख रहा था और लगा कि अब तो पैसे मिट्टी हो गए।
लेकिन बिक्रम ने किसी तरह से उनसे संपर्क किया(जिनके खाते में पैसे चले गए थे) और उन्होंने अपनी ईमानदारी दिखाते हुए बिना , न-नुकर किये एकदम पूरे पैसे वापिस देने को राजी हो गए।
9700 रुपये गलती से सुदीप्ता चौधरी के खाते में चले गए थे,लेकिन यह झट से उनके पैसे वापिस करने को मान गए जबकि दोनो एक दूसरे को जानते भी नही थे।
सुदीप्ता चौधरी की इसी ईमानदारी को SocialBhai प्रणाम करता है और अन्य सब से भी उम्मीद रखता है कि सभी अपने ईमान को अपने अंदर जिंदा रखेंगे और फरेब/धोखेबाजी से दूर रहेंगी। हालांकि, यह फरेब या धोखेबाजी न था,सिर्फ एक गलती की वजह से ऐसा हुया था,लेकिन सुदीप्ता चौधरी ने बिना टाल-मटोल किये सब पैसे वापिस कर दिए और आज के इस कलयुग में ईमानदारी की नई मिशाल पेश करी।
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Gaurav - FRB
hats off bhai aapko …world needs people like you
puran mal
thanks